होली
होली
फागुन की भीनी मदभरी महकार है होली।
रंगों के साथ खुशियों की बौछार है होली।
शिकवे गिले को छोड़ धो के मैल दिलों के-
बस दिल से दिल मिलाने का त्योहार है होली।
नीला, हरा, गुलाबी, पीला, लाल लगेगा।
जमके सभी के गालों पर गुलाल लगेगा।
खिलने लगेंगे इंद्रधनुष से सभी चेहरे-
मत पूछ देखने में क्या कमाल लगेगा।
हुड़दंग, छेड़छाड़ है मस्ती उमंग है।
रसरंग में डूबी हुई दिल की तरंग है।
बौराया सा है झूम रहा आज हर समां-
लगता है हवाओं में घुली जैसे भंग है।
रंगों की तरह ज़िन्दगी अपनी बनाइए।
जिस पर भी सजें अपनी असर छोड़ जाइए।
भर दीजिए उदासियों में प्यार की महक-
चेहरे पे हंसी बनके सब के मुस्कुराइए।