STORYMIRROR

Om Prakash Fulara

Drama

5.0  

Om Prakash Fulara

Drama

होली

होली

1 min
302



उड़त गुलाल आज,

धरती के भाल पर,

सखी संग नाचे गोरी,

देखो होली आई रे।


हाथ पिचकारी लेके,

युवकों की टोली चली,

झूम उठे तन मन,

कैसी खुशी छाई रे।


राग द्वेष भूलकर,

बरसत प्रेम रंग,

मिले गले सब झन,

बन भाई भाई रे।


खुशियों को संग लिए,

मन में उमंग लिए,

प्रेम का संदेश लिए,

देखो होली आई रे।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama