हमसफ़र
हमसफ़र
1-
ओ !मेरे हमसफ़र हमराज़, चल नदिया के पार।
नदिया जहाँ मिले सागर से, बहती शीतल धार।
2-
ओ !मेरे आँखों के काजल, चल तारों के छाँव।
चाँदनी बिखरी हो जहाँ पर, उस आँगन के गाँव।
3-
ओ !मेरे चिराग़ की बाती, आओ नदिया पार।
मिलते हों जहाँ हम और तुम, गले में डाल हार।
4-
ओ !मेघ दूत जम के बरसो, भीगें तन मन गात।
रसों की फुहार जहाँ बरसे , और मिलन की बात।
5-
नयनों से नयना टकराए, अधरों पर मुस्कान।
पवन झकोरे पास हमारे, चलो करें रस पान।
6-
मिलन के आस में हूँ खोई, आओ मेरे प्राण।
लगा दो तुम प्यार का टीका, हो रहा अब विहान।

