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Supriya Devkar

Horror Fantasy

4  

Supriya Devkar

Horror Fantasy

हमसफर

हमसफर

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खुद के बुने जाल मे ही थे

हम अब तक बचाए खुदको 

डरते थे उन आंधियोसे जो 

दस्तक देती थी मुझको 


डरते थे हम तुमसे भी

जब तेरा सहारा था मिला 

नये रिश्तेका जिदंगी मे

एक नाजूकसा किनारा मिला 


अब एसा लगता है की 

ये साथ ना कभी टुटे 

हात तेरा थामा हुआ 

उम्रभर ना ये छुटे 


हम दोनों है जैसे 

दीया ओर बाती 

हमसफर हो मेरे 

तुम ही जीवनसाथी।


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