हमारे काका जी
हमारे काका जी
सुदूर महाराष्ट्र से पूर्वांचल की
कार्बी आंगलांग जिले के
सरूमांथी-कछारी गाँव में अवस्थित
"विवेकानंद केन्द्र" की शाखा में
अपनी निस्वार्थ सेवाकार्य में
दिवा-निशा सदैव उपस्थित,
हमारे प्यारे संजय काका जी
हम सबकी प्रेरणा के स्रोत हैं!
उनसे हमें बहुत कुछ सीखने का
सुअवसर मिलता है
और हम उनसे अमूल्य बातें
प्रतिदिन सीखा करते हैं...
ये हम सबका परम् सौभाग्य है।
यूँ तो हम सब अपने-अपने कर्मों में
नित्य व्यस्त रहते हैं, मगर
फिर भी जिस क्षण भी हमें
उनसे वार्तालाप करने का
सुअवसर प्राप्त होता है,
हम उनसे अपने-अपने समयानुसार
रुबरु होते हैं और
थोड़ा समय व्यतीत करते हैं...।
काका जी, आपका रोज़ प्रातःकाल
सबसे पहले जागना और बिस्तर से उठकर
अपना नित्यकर्म कर प्रातःकालीन भ्रमण
में निकलने का सुअभ्यास
हम सबको एक नई सुबह को
निहारने की एक अदम्य ऊर्जा मिलती है!!
काका जी, आप स्वस्थ एवं समर्थ रहें,
यही प्रार्थना करते हैं।
आप इस समाज को आगे ले जाने में
यूँ ही अपना अमूल्य योगदान देते रहें!!!
हरि ओम्...!!•