हमारे बुजुर्ग हमारी धरोहर हैं
हमारे बुजुर्ग हमारी धरोहर हैं
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बड़े बुजुर्ग हैं हमारी धरोहर, उनसे है हमारा स्वाभिमान
इनसे ही रहती परिवार में शान, करें सदा इनका सम्मान।
बुजुर्ग मजबूत नीव होते हैं परिवार की,
इनसे ही तो रौनक है घर के हर दीवार की।
वो नहीं मांगते कोई भी कीमती उपहार,
जन्नत मिल जाती है इन्हें अगर मिल जाए थोड़ा सा प्यार।
माना कभी-कभी वे हमारी सुनते नहीं अपनी सुनाना चाहते हैं,
पर उनकी बात सुनने में क्या बुराई है वो हमारा भला ही तो चाहते हैं।
बुजुर्ग हर घर की परंपरा का है आधार,
इनसे ही तो घर के छोटे सीखते हैं अच्छे संस्कार।
कभी उनसे दो पल बातें करके तो देखो,
उन्हें खुशियों का संसार मिल जाएगा।
अकेलापन जो उन्हें खलता है, वह कुछ पल में ही मिट जाएगा।
व्यस्त होने पर भी निकालें कुछ वक्त उनसे बातें करने का,
ताकि उन्हें भी मिल जाए एक मकसद जिंदगी जीने का ।
उनकी सेहत का रखें सदा ख्याल, कभी-कभी जाकर पूछे उनका हाल-चाल।
परिवार का वो हिस्सा नहीं है होने ना दे उनको यह एहसास
हर सुख दुख में उन को शामिल करें मिले सदा परिवार का साथ ।
हमारे बुजुर्ग ज्ञान और अनुभव का हैं खजाना,
उनसे ही तो सीखते हैं हम नए रिश्तो को अपनाना।
हों कभी वे क्रोधित तो करें ना उनसे गलत व्यवहार,
क्योंकि उनके क्रोध में भी छिपा है हमारे लिए प्यार ।
हो सकता है उनका स्वभाव बुरा पर दिल बुरा नहीं होता,
संभालना उन्हें उनका आदर करना उनके बिना परिवार पूरा नहीं होता ।
बुजुर्गों को देंगे अगर हम उचित सम्मान और स्थान,
वृद्धा आश्रम का जग से मिट जाएगा नामोनिशान ।