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Kapil Jain

Abstract Inspirational

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Kapil Jain

Abstract Inspirational

गौरव की बात है हम भारतीय है

गौरव की बात है हम भारतीय है

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मेरा भारत देश

धरती का स्वर्ग है

गौरव की बात मेरे लिए

हम कहलाते भारतीय है।


अनमोल धरोहर

उपमहाद्वीपिय सरोवर

हर मौसम ऋतुओं का

लगता ताँता।


नदी, नाले, पर्वत, पठार

झरने, उपहार

सेहरा बाँधे भाल हिमाकर

पग पग धोवे स्वयं रत्नाकर।


पेड़ पौधों का रूप सुहाना

फसलों से सजे खेत हरियाला

लहलाता यहाँ

हर मौसम निराला।


सर्दी, गर्मी, बरसात

पतझड़ बीते,

आये बसंत बहार

हर मौसम में आती

नव यौवन की बहार।


होली, दिवाली, तीज त्यौहार

ईद, रमज़ान क्रिसमस की रौनक

लोहरी संग बैसाखी का

पतगंबाजी का मौसम।


दुर्गा, गणेश, जन्माष्टमी,

छठ पूजा जैसे

पर्वो से हम आनंदित रहते

अलग अलग भाषा वेषभूषा

अलग अलग धर्मो का ज्ञान।


इतनी असमानताओं के मध्य भी हम

सब मिल जुलकर आपस में रहते

गौरव की बात मेरे लिए

हम भारतीय कहलाते हैं।


हीरे, मोती, सोने, चाँदी की खान

खनिजों के लगे भण्डार पड़े

जड़ी बूटियों से सजी ये धरा

प्राकृतिक सम्पदा यहाँ अपार।


तभी तो सोने की चिड़िया कहते हैं

मेरा भारत देश धरती का स्वर्ग है

दुनिया में अपनी ही पहचान है

ज्ञान विज्ञान में रहा प्रथम।


प्रेम, त्याग, समर्पण सभ्यता

संस्कृति जिसकी

शीश झुकाना हो या

शीश कटाना हो।


हर हाल दुश्मनों

की हस्ती मिटाते हैं

मेरा भारत देश

धरती का स्वर्ग है

गौरव की बात मेरे लिए

हम कहलाते भारतीय हैं...।।


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