पहला प्यार
पहला प्यार


सालों पहले मुझे हो गई थी मोहब्बत
जिसे अपने दिल में छुपाकर,
काटा मैंने हर एक दिन
मेरे पास भले ही नहीं थे तुम।
लेकिन तुमसे दूर नहीं था मैं
आज जब मिले हो तुम मुझे,
इतने सालों बाद तो
जी करता है कि आने वाला
हर पल बिताऊँ तुम्हारे साथ।
तुम्हारे चेहरे को बसा लूँ
अपनी आँखों में,
तुम्हारी खुशबू से महका लूँ
अपना मन।
छुप जाऊँ तुम्हारे सीने में मैं
समा जाऊँ तुम्हारी साँसों में,
हाथों में लेकर तुम्हारा हाथ
सुनता रहूँ तुम्हारी मधुर वाणी,
लगती बाँसुरी का मधुर साज।
रख लो तुम मेरे कंधे पर सिर,
खो जाऊँ मैं तुम्हारी बातों में फिर
जी लूँ हर एक लम्हे को जी भरकर।
क्या पता फिर तुम्हारा
साथ मिले न मिले,
पहला प्यार ...
पहला प्यार ...