STORYMIRROR

Raja Sekhar CH V

Abstract

4  

Raja Sekhar CH V

Abstract

जीवन सोपान

जीवन सोपान

1 min
554

बहुत अमूल्य है यह सीमित जीवन,

फिर मूल्यवान है यह मनुष्य जीवन,

विभिन्न अनुभव मिलते रहेंगे आजीवन,

हर कदम नयी शिक्षा दे यावज्जीवन।


जीवन के सोपान में महत्तवपूर्ण है हर दशा,

ब्रह्माण्ड से आरम्भ होता है पिंड दशा,

माता की ममता से प्रारम्भ होता है शिशु दशा,

प्रति दम्पति रखते हैं संतति सुख की आशा।


कितना मनोहर है शैशव,

निश्चिन्त हैं प्रति शिशु का रव,

प्रतिदिन अनुभूति लगे नया पर्व,

शिशु समय को प्यार करे हर मानव।


आता है बहुमूल्य बाल्य अवस्था ,

फिर आये कमनीय किशोरावस्था,

इच्छाशक्ति युक्ति दे यौवन अवस्था,

परिपक्वता दिशा दे वयस्क अवस्था।


जैसे जैसे वार्द्धक्य होता है समीप,

आभास होता है के बुझेगा जीवन दीप,

इसलिए प्रज्ज्वलित करें अपना ज्ञानदीप,

नश्वर है प्राण युक्त यह रम्य रूप।


हर जीव का सृजन करे शून्यस्थान,

सबको पुनः पहुंचना है यही शून्यस्थान,

जीवन के सोपान होते हैं कई उपस्थापन,

सम्प्राप्ति करें श्रीजगन्नाथजी का उपस्थान।


सभी जीव आते हैं ब्रह्माण्ड से इहलोक,

जीवनकाल को सार्थक करके भरें आलोक,

जीवन सोपान का आखरी पद ले जायेगा परलोक,

भव्य भगवद्गीता देता है ब्रह्मज्ञान का यही श्लोक।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract