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Jyoti Astunkar

Abstract Romance

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Jyoti Astunkar

Abstract Romance

हम तुम

हम तुम

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और नहीं अब कुछ कहना,

और नहीं अब कुछ है सोचना,

दिन परेशान और रातें गंभीर कर ली हमने,

और नहीं अब कुछ है करना,


आने वाले हर एक दिन में,

आते जाते हर एक मोड़ पर,

हो जाते हैं हम बेचैन,

आते जाते हर उस पल में,


वो सुबह की ताज़गी,

वो शाम की सादगी,

दिल को छू लिया हमारे जिसने,

वो बातों की आवारगी,


बहुत हुआ अब तुम्हें याद करना,

बहुत हुआ अब तुमसे नजरें चुराना,

बहुत कुछ है दुनिया में करने को,

बहुत हुआ अब उस वक्त को बांधे रखना,


तुम हो वहीं और हम भी वहीं,

तुम गर वो नहीं तो हम भी नहीं,

साथ तो हमारा हमेशा रहेगा,

तुम गलत ना हम सही,


और नहीं अब कुछ कहना,

और नहीं अब कुछ है सोचना,

ज़िंदगी की इन राहों पर,

बस हमें है चलते रहना।



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