हम भी चाहते थे
हम भी चाहते थे
हम भी चाहते थे, उसके दिल में प्रेम का दीप जलाना,
पर शायद वहां आंधियों का बसेरा था।
हम भी चाहते थे, उसे अपने प्यार का पैगाम देना,
पर शायद वहां खतों का डेरा था।
हम भी चाहते थे, किसी का पूरी जिंदगी इंतज़ार करना,
पर शायद वहां वक्त का अहसास ना था।
हम भी चाहते थे, किसी की रुक्मणि बन जाना,
पर शायद वहां समाज की बंदिशों का डेरा था।
हम भी चाहते थे, वो करें इजहार ए मुहब्बत हमसे,
क्यों की ये हमारे रूह के रिश्ते के लिए जरूरी था।
हम भी चाहते थे, उसकी गोपियों में मेरा भी नाम हो,
पर शायद वहां उसके हृदय में मेरा नाम राधा लिखा था।
हम भी चाहते थे, बंध जाएं उसके साथ सात फेरों में,
पर शायद वहां नसीबों का कुछ अलग ही खेला था ।
हम भी चाहते थे, ना बांधे उसे किसी रिश्ते के बंधन में,
पर शायद वहां राधाकृष्णा से नवाजा रूह का रिश्ता अनमोल जो था।