लिख रही हूं उसे
लिख रही हूं उसे
सोचती हूं जिसे, लिख रही हूं उसे।
वो सपना है या है वो हकीकत, नहीं समझती हूं उसे।
सोचती हूं जिसे, लिख रही हूं उसे।
वो पराया है या है वो अपना, नहीं जानती हूँ उसे।
सोचती हूं जिसे लिख रही हूं उसे।
वो है एक सितारा जो दूर कहीं चमकता है,
नहीं है तमन्ना उसे पाने की, बस दूर से ही चमकता देखना है उसे।
सोचती हूं जिसे, लिख रही हूं उसे।
कभी दुआओं में नहीं मांगती हूं उसे,
बस दुआओं में खुश देखना चाहती हूं उसे।
सोचती हूं जिसे, लिख रही हूं उसे।

