क्या होती है ये जिंदगी
क्या होती है ये जिंदगी
कभी कभी सोचती हूं, क्या होती है ये जिंदगी,
शायद आंखों में पानी, और दुःखों की कहानी होती है ये जिंदगी।
शायद होंठों पर हंसी, और गम में भी मुस्कुराने की निशानी होती है ये जिंदगी।
कभी कभी सोचती हूं क्या होती है ये जिंदगी, शायद रोते हुए को हंसाना,
और हंसते हुए को रूलाने की चालबाजी होती है ये जिंदगी।
शायद अपनों से दूर जाना, और परायों के करीब आने की रवानगी होती है ये जिंदगी।
कभी कभी सोचती हूं, क्या होती है ये जिंदगी, शायद पापा का प्यार,
और मां के मातृत्व की कहानी होती है ये जिंदगी,
शायद दीदी का दुलार, और भाई के साथ अपनत्व की निशानी होती है ये जिंदगी।
कभी कभी सोचती हूं, क्या होती है ये जिंदगी, शायद गिर कर उठना
और फिर से चलकर मंजिल को पाने की ललक सी होती है ये जिंदगी,
शायद खुद तकलीफ़ में होकर दूसरों को हंसाना और
उनको हंसता देख खुद खुद हो जाने की रूहानी होती है ये जिंदगी,
शायद हमेशा फूलों की तरह मुस्कुराना और तितली की तरह उड़ जाना
जिंदा दिली की कहानी सी होती है ये जिंदगी।
कभी कभी सोचती हूं, क्या होती है ये जिंदगी,
हर पल को महसूस करके मुस्कुरा कर जीना और
सबके दिलों में अपनी निशानी छोड़ जाना दिल्लगी की जिंदगानी होती है ये जिंदगी।
कभी कभी सोचती हूं, क्या होती है ये जिंदगी।