काश तू समझ पाता
काश तू समझ पाता
काश तू समझ पाता, मेरे लिए क्या है तू।
जिंदगी की कठिन राहों में, जीने का सहारा है तू।
कभी खुशी कभी ग़म में निकले आंसुओं की धारा है तू।
काश तू समझ पाता मेरे लिए क्या है तू।
मेरी रेतीली बंजर जिंदगी में, बारिश की बूंदों का सहारा है तू।
पतझड़ सी पड़ी मेरी ख़ुशी में, बसंत सा मौसम सुहाना है तू।
काश तू समझ पाता, मेरे लिए क्या है तू।
मुझसे जुड़ी हर राहों में, मेरी मंजिल का किनारा है तू।
बहुत है तेरे दोस्त इस दुनिया में, मेरे लिए तो मेरी पूरी दुनिया है तू।
काश तू समझ पाता, मेरे लिए क्या है तू।
तुझसे जुड़कर पूरी हूं मैं, मुझसे जुड़कर शायद पूरा है तू।
किताब का एक किस्सा हूं मैं, उस किस्सा की पूरी प्रेम कहानी है तू।
काश तू समझ पाता, मेरे लिए क्या है तू।
एक बहती सी नदी हूं मैं, उसको थामने वाला सागर है तू।
मेरी इन अंधेरी रातों में, जगमगाने वाला जुगनू है तू।
काश तू समझ पाता मेरे लिए क्या है तू।
मेरे दिल की धड़कन है तू, मेरी सांसों का सहारा है तू।
खुदा से मांगी हर दुआ है तू, मेरी आखरी सांस की ख्वाहिश है तू।
काश तू समझ पाता, मेरे लिए क्या है तू।
तेरे लिए कुछ भी नहीं हूं मैं, पर मेरे लिए सब कुछ है तू।
तेरे लिए बस दुनिया हूं मैं, मेरे लिए मेरी पूरी दुनिया है तू।
काश तू समझ पाता, मेरे लिए क्या है तू।