हकीकत
हकीकत
तू है फिर भी तू नहीं,
मैं हूँ फिर भी मैं नहीं,
यही हकीकत है जिंदगी की
और कुछ नहीं।
बस हकीकत इतनी जान जाना,
पाना तो है जिद अभी।
और जो पा लिया फिर,
तू कुछ नहीं और मैं कुछ नहीं।
यही हकीकत है ...कुछ नहीं।
तू है फिर भी तू नहीं,
मैं हूँ फिर भी मैं नहीं,
यही हकीकत है जिंदगी की
और कुछ नहीं।
बस हकीकत इतनी जान जाना,
पाना तो है जिद अभी।
और जो पा लिया फिर,
तू कुछ नहीं और मैं कुछ नहीं।
यही हकीकत है ...कुछ नहीं।