हिंदी दिवस
हिंदी दिवस
भाषा में है श्रेष्ठ सबसे
नही किसी को लगते अटपटे
शुरू होती है अनपढ़ से..
और खतम होती है
सबको ज्ञानी बना कर के..
आधार है हिंदी कवियों की
जैसी पानी और धार है
कैसे करे गुणगान है
हिंदी सबकी शान है
हिंदी सबको रमता है
सबके दिलों में बसता है
भारत का स्वाभिमान है
जैसे किया रसपान है।

