गुरु
गुरु
कैसे करू मैं बखान उस गुरु का
जिसकी मैं जीवन भर कर्ज चुका ना पाई
जब जब आपकी जन्मदिवस है आई
होहफा सारी हम सबने लाई
बातों हो बातों में कह दी आपने
बेटे यह तोहफा क्यों है लाई
बस सब अपना लक्ष्य
तय कर सपना पूरा कीजिए
बस एक यही तोहफा मुझे
जीवन में मेरे चाहिए
चुभ गई दिल को बात यही
लिए संकल्प उस दिन से यही
पूरे तन से पूरे मन से
लक्ष्य अपना है तय किए
एक दिन वापस आऊंगी
आपके चरणों में नमन के लिए।