मंद मंद मुस्काता प्रकंपन बदरी के पट खोल रहा, मंद मंद मुस्काता प्रकंपन बदरी के पट खोल रहा,
अडिग रहकर लक्ष्य का रसपान करो, सपनों में उड़ान भरो। अडिग रहकर लक्ष्य का रसपान करो, सपनों में उड़ान भरो।
करुणा ममता मधु रसपान है बेटी। विपत्ति काल में धैर्यवान है बेटी। करुणा ममता मधु रसपान है बेटी। विपत्ति काल में धैर्यवान है बेटी।
है रंग गुलाल की होली रीति संस्कृति की होली! है रंग गुलाल की होली रीति संस्कृति की होली!
अंतर्मन में प्रसन्नता की लहरें हिलकोरे मारने लगीं। अंतर्मन में प्रसन्नता की लहरें हिलकोरे मारने लगीं।