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NEERAJ SINGH

Classics Inspirational

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NEERAJ SINGH

Classics Inspirational

बेटी

बेटी

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"अपनी कलम से........."


     " बेटी "


चेहरे की मुस्कान है , बेटी,

घर आंगन की शान है बेटी ,


सूरज की किरण,

 चांद की चांदनी,

 तारों की रोशनी ,

 भवरों का गुंजन है बेटी।


 बेटी है तो, कल मां है ,

मां से ही तो ममता है,

 जीवन माँ से मिलता है

 ईश्वर का वरदान है बेटी।


 हृदय की प्रार्थना है बेटी ।

हृदय की धड़कन है बेटी ।


 बगिया में जैसे कोयल,

 वैसे घर में बेटी अनमोल,

 दुख सारे वह हर लेती,

 माता पिता की जान है बेटी।


 बगिया में फूलों की खुशबू,

 पतझड़ में नई कलियां जैसे,

दोपहरी में ठंडी छांव है ,

पुष्प कलियों का बागान है बेटी।


 करुणा ममता मधु रसपान है बेटी।

 विपत्ति काल में धैर्यवान है बेटी।


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