धरा का श्रृंगार
धरा का श्रृंगार
हरा भरा हो जग सारा,
ऐसा संकल्प हो हमारा,
कहीं न सूखा पड़ने पाए,
यही उद्देश्य रहे हमारा।
आओ धरा का श्रृंगार करें,
चलो कुछ पौधे रोपें ,
हरा भरा हो ,घर आंगन,
खुशियों की सौगात पायें
एक पौधा -हजार जीवन,
स्वच्छ बना रहे अपना मन,
कमी न हो कभी जल की,
खूब बरसता रहे सावन,
सावन में लगा पौधा,
कहीं ना होता सूखा,
फल फूल औषधि देता,
बहती जीवन निर्मल धारा ,
मानव जीवन पर उपकार,
करते रहो धरा का श्रृंगार,
विशाल वृक्ष बन जाएगा वो,
बस तू एक पौधारोपण कर।
