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Ritu Agrawal

Tragedy

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Ritu Agrawal

Tragedy

हिजरत(पलायन)

हिजरत(पलायन)

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हुक्मरानों से है मेरी, बस इतनी ही शिकायत।

क्यों कर रहे मजलूम, आपके शहर से हिजरत?

नहीं है गरीबों को, तख्त-ओ-ताज़ से मोहब्बत।

यूँ मत करो अपने ही हमजादों से तुम अदावत।

उन्हें चाहिए दो जून की रोटी संग एक अदद छत।

ये मौलिक अधिकार देकर, बढ़ाओ उनकी इज्ज़त।


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