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Kumar Vikrant

Tragedy

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Kumar Vikrant

Tragedy

बच्चे

बच्चे

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उस दिन 

उन छोटे बच्चों को देखकर 

तुम हैरान थी 

क्योकि कभी तुम्हें भी 

अनगिनत बच्चों की चाहत थी। 

पर ये हो न सका 

क्योकि बच्चों के लिए 

हम दोनों को दो से एक होना था। 

ताउम्र 

तुम अकेली ही रही 

मुझे तन्हा छोड़ कर। 

बच्चे?

वो सिर्फ मेरे ख्वाबो में रहे 

तुम्हारे ख्वाबों की तुम जानो। 


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