चयन
चयन
सत्य
असत्य
अर्धसत्य
पूर्ण सत्य
शब्द ही तो है
कभी - कभी
जो दिखता वही सत्य हो
ऐसा नहीं होता
इन शब्दों की व्यख्या करने से पहले
खुद को व्यथित करने से पहले
एक बार
नेपथ्य में देखना
उस
भूतकाल में भी देखना
जहाँ सिर्फ हम दोनों थे
वहीं तुम्हे
सत्य भी मिलेगा
असत्य भी मिलेगा
अर्धसत्य भी मिलेगा
पूर्ण सत्य भी मिलेगा
लेकिन
तुम सिर्फ वही चुनना
जिसका चयन तुम्हारा अंतर्मन करे
जिससे तुम्हारे मन को सकून मिले
और तुम्हारा हर चयन
मेरे लिए स्वीकार्य होगा।