बिछड़ते वख्त
बिछड़ते वख्त
एक प्यारी मुस्कान देना बिछड़ते वक्त
बस अलविदा ना कहना बिछड़ते वक्त
अब कैसे कहूं कि लौटा दो तुम मुझे
में भूल गई खुदको लेना बिछड़ते वक्त
अपने दर्दको बातों में ना जता पाउंगी
दिल की चीखे तुम सुनना बिछड़ते वक्त
जिंदगीभर का साथ नसीब में ना सही
आखरी बार हाथ थामना बिछड़ते वक्त
में अपनी सारी खुशियां ले कर आऊंगी
तुम मुझे अपने गम देना बिछड़ते वक्त
कसम से ना जुदा हो पाउंगी तुमसे यारा
ज्यादा प्यार से ना देखना बिछड़ते वक्त
श्वेत" की बस एक आखरी ख्वाहिश है
गले से लगकर गलेसे ना बिछड़ना उस वक्त।