सफर
सफर
क्या तुम्हें वो सफर याद है?
जब हम अचानक
यू हीं मिल गए थे।
तुम्हें वो चाय की प्यालियाँ तो याद होंगी
जो देर तक अनछुई रखी रही थीं
क्योंकि चाय से ज्यादा
तुम्हे मेरी बातें अच्छी लगी थीं।
सफर तो अब भी जारी है
मेरा भी
तुम्हारा भी।
ये अलग बात है
मेरा सफर अब तन्हा गुजर रहा है
और तुम्हारे सफर की बातें
तुम अब मुझे नहीं बताते हो।