विडंबना
विडंबना
जिन्हेँ पढ़ाना था,
वो मिड डे मील बनवा रहे हैं
बच्चों को कम ,
अधिकारियों को,
ज्यादा खिला रहे हैं
मास्टर को देखो,
ठेकेदार बना दिया
स्कूल की बिल्डिंग का,
ठेका दिला दिया
अब मजा आता है,
उन्हें बिल्डिंग बनाने में
मन कैसे लगेगा,
उनका पढ़ाने में.
फल सब्जी सिलिंडर,
लाद कर ले जाते है.
मोटर साइकिल को,
ई रिक्शा बना दिया.
चाहे जन गणना हो,
या पशु गणना.
टीकाकरण हो या चुनाव,
टीचर ही कराता है
अनपढ़ नेता हो,
या जिले का अधिकारी,
टीचर को ही धमकाता है.
अधिकारियों की तो छोड़ दो,
पत्रकारो को भी,
चढ़ावा चढ़ाता है.
गाँव का प्रधान भी,
उसे आँख दिखाता है.
कोटेदार भी,
कम राशन पहुँचाता है.
सभी को मैनेज कर,
अपनी नौकरी चलाता है.
घर घर जाकर,
पढ़ाने के लिए बच्चे बुलाता है.
पशुओं से विद्यालय की,
बागवानी बचाता है.
मिड डे मील बनवाता है,
वजीफा खाते में पहुंचाता है.
विडंबना यह भी है,
ड्रेस का पैसा,
बच्चों को भेजा जाता है,
ड्रेस क्यों नही बनी?
अध्यापक से पूछा जाता है.
