मेरे सपने
मेरे सपने
मेरे सपने बड़े नहीं होते,
ये जीवन की एक सच्चाई है।
परन्तु मेरा उत्साह कभी कम नहीं होता,
और न ही मैं इन सपनों से विचलित होता हूँ।
मैं जानता हूँ कि सपने कभी साध्य नहीं होते, परन्तु उन्हें पूरा करने के लिए प्रयास जरूरी है।
क्योंकि अगर हम सपनों से विचलित हो जाते हैं, हम अपनी जिंदगी में सही राह नहीं चुन पाते हैं।
सपने हमारी आँखों का निशान होते हैं,
जो हमारी मनोकामनाओं की गहराई बताते हैं।
जब तक हम अपने सपनों से हाथ नहीं मिलाते, अपने जीवन के लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पाते।
तो दोस्तों, मेरे सपने बड़े नहीं होते,
मेरा उत्साह और प्रयास हमेशा बढ़ता जाता है।
क्योंकि जीवन की यही सच्चाई है,
उत्साह और प्रयास सफलता की ओर ले जाते हैं।
डॉ. अरुण प्रताप सिंह भदौरिया।