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Dr Arun Pratap Singh Bhadauria

Romance

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Dr Arun Pratap Singh Bhadauria

Romance

प्रिय तेरी याद आई

प्रिय तेरी याद आई

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प्रिय तेरी याद आई, 

बैठे रहे हम तन्हाई में, 

समय बीतता गया,

पर यादों का साया बना रहा।


तेरी यादों के सहारे, 

जीवन बीतता चला गया, 

कभी खुशियों की बौछार, 

कभी गम की धुंध में घिरा रहा।


तुम नहीं हो साथ मेरे, 

मगर तुम्हारी यादें हमारे साथ हैं, 

जैसे एक सच्चा साथी,

 जो कभी भी साथ नहीं छोड़ता।


तेरी याद दिल में उतर गई,

 जैसे चंदन की खुशबू बसी हो, 

तेरी यादों से जीवन सजा हुआ, 

जो कभी खत्म नहीं हो।


यादें हमेशा जीती रहेंगी, 

तुम्हारी यादों को सदा याद रखेंगे, 

जब भी तन्हाई में होंगे, 

तेरी यादों को साथ लेकर हंसते रहेंगे।


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