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Dr Arun Pratap Singh Bhadauria

Tragedy

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Dr Arun Pratap Singh Bhadauria

Tragedy

झूठे रिश्ते

झूठे रिश्ते

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झूठे है सारे रिश्ते,

जो असलियत से दूर होते हैं।

दिखावे की दुनिया में,

जीवन अधूरा होता है।


दिलों में बसे असली अहसासों को, 

हम झूठे रिश्तों से छिपाते हैं। 

उनकी बातें भी कुछ अलग होती हैं,

 जो दिल के कभी पास नहीं होते हैं।


मन में जो चाहते हो,

उससे दूर हमें ले जाते हैं।

झूठी हंसी, झूठी मुस्कान,

यहाँ पे बदले जाते हैं।


कभी आँखों में आंसू भर जाते हैं, 

जो कभी निकलने नहीं देते हैं। 

ये झूठे रिश्ते दिल को दर्द देते हैं, 

जिन्हें सहने के लिए हम बन जाते हैं।


असली रिश्ते कभी टूटते नहीं,

जो ज़िन्दगी भर साथ निभाते हैं।

 ये झूठे रिश्ते दिल को चोट पहुंचाते हैं, 

जो कभी न जुड़ने वाले होते हैं।


झूठे है सारे रिश्ते,

जो असलियत से दूर होते हैं।

दिखावे की दुनिया में,

जीवन अधूरा होता है।


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