हे आंख तू इतना क्यू रोती है
हे आंख तू इतना क्यू रोती है
हे आंख तू क्यूं इतना रोती है?
फिजूल में कीमती मोती क्यू खोती है?
किसी को तेरी फिक्र नहीं है!
फिर औरों की फिक्र में तू क्यूं रोती है?
रो रो की तू अपना बुरा हाल करती है,
जो तेरा नहीं है उसके लिए तू क्यू रोती है?
तू औरों का जिक्र करती है, इतना तू खुदा का कर ले,
जो तेरे कुछ काम का नहीं उसके लिए क्यू रोती है?
जो तेरा नहीं है उसके लिए क्यू रोती है?
आंसू का कीमती मोती क्यू खोती है?