हाथ थाम लो मेरा
हाथ थाम लो मेरा
कोई हाथ बढ़ाएं, हाथ थाम लो मेरे भाई
जिंदगी बड़ी छोटी है, कर लो कुछ कमाई।
सबका अपना-अपना कर्म न-भाई-न-माई,
कभी कोई गिर जाए, तो हाथ बढ़ा देना।
उठ न पा रहा हो तो, थोड़ा जोर लगा देना,
रो रहा हो तो ढ़ाढ़स देकर, चुप करा देना।
भटक गया हो रास्ता,तो राह दिखा देना,
अगर किसी से खुशी में मिलो मुस्कुरा देना,
उसका काम हो अच्छा पीठ थपथपा देना।
अपना रूठ जाए तो, अवश्य मना लेना,
कुछ टूट जाए, तुम मरम्मत कर बना लेना।
छोड़ दोगे उस हाल में, कबाड़ बन जाएगा,
कोई हाथ बढ़ाएं तो, सदा हाथ थाम लेना।
नजरें मिलाना, सदा मुस्कुराना,
प्रेम से मिलना, कभी न इतराना।
रूठना कभी न, सदा आना-जाना,
पूछे तो बताना, सुने तो सुनाना।
रूठे तो मनाना, थोड़ा गम भी खाना,
न गाल बजाना, थोड़ा चुप रह जाना।
जरूरत पर सुनना, अधिक न सुनाना,
सीधे तो बताना न, कभी बातें घुमाना।
समय से तू खाना, थोड़ा गम भी खाना,
काम ऐसा करना, बन जाए अफ़साना।
अगर खुश हो जाओ, तो देना नज़राना,
फिर भी दिल न भरे तो, गले लगाना।
कोई हाथ बढ़ाएं तो, हाथ थाम लेना,
मैं तेरा ही आशिक, कद्रदान तेरा।
बस तुझसे ही मैं हूं, मेरा तू बसेरा,
तुम ही से दिन है, तुमसे होती सवेरा।
सब कुछ है अपना, नहीं तेरा - मेरा,
कर ! न देख डर तू, यह शुभ् घड़ी-बेरा।
है थोड़े की है आशा, मिलेगा घनेरा,
हाथ बढ़ाता हूं, हाथ थाम लो मेरा।
मेरे जीवन नैया की, तू ही हो खेवैया,
अब तू बजा ले, मैं नाचूं ता-ता-थैया।
देख श्याम की धेनु, मनभावन गैया,
दूध निकाले, नित्य- दिन मेरी मैया।
गैया चराए नित, मेरा मधुसूदन सैया,
उनसे है मेरा जीवन, वह जीवन खेवैया।
चाहे जो बोलूं, तू मेरा समझेगा रवैया,
बढ़ाता हूं हाथ, थाम ले मेरा कन्हैया।