गुरु मिले ऐसा
गुरु मिले ऐसा
एक गुरु मिले हमें ऐसा, ज्ञान की हम पर वो बरसात करे
होंठों से उनके झरते हो फूल, मीठी सी बोली में वो बात करे।।
एक गुरु मिले हमें ऐसा
तन कैसा भी हो उनका मन हो पावन, लोभ लालच न रहे
हमेशा हो हाथ उनका सर पे मेरे, जब कोई हम पर घात करे।।
एक गुरु मिले हमें ऐसा
माता -पिता, गुरु जीवन में मेरे पावन चारों तीरथ समान रहे
तीर्थाटन सा सुख पा जाए हम, बराबर जो सेवा दिन-रात करे।।
एक गुरु मिले हमें ऐसा
गुरु ज्ञानी रहे, गुरु ध्यानी रहे, और दानी भी बस अभिमानी न रहे
जब -जब जाए हम शरण में उनकी, अंतर्मन से वो मुलाकात करे।।
एक गुरु मिले हमें ऐसा
गुरु में हो राग, गुरु में हो त्याग, गरल पीकर भी वो मुस्कुराते रहे
धर्म, अर्थ, मोक्ष और काम " नीतू" उनको न कोई भी मात करे।।
एक गुरु मिले हमें ऐसा
