कर्म ही तीरथ धाम रे , सकारात्मक सोच लिए कर्म ही तीरथ धाम रे , सकारात्मक सोच लिए
क्या प्रेम और क्या आजादी है, साथ तुम यार हो, बस यही काफी है।। क्या प्रेम और क्या आजादी है, साथ तुम यार हो, बस यही काफी है।।
माता -पिता, गुरु जीवन में मेरे पावन चारों तीरथ समान रहे माता -पिता, गुरु जीवन में मेरे पावन चारों तीरथ समान रहे