गुफ़्तगू प्यार की
गुफ़्तगू प्यार की
प्यार की गुफ़्तगू सदा करना
उम्रभर यूं ही तू वफ़ा करना
जिंदगी को सकूं मिले ग़म से
हक़ में मेरे तू ये दुआ करना
यूं ख़फ़ा होने से मिलेगा क्या
प्यार से रोज़ तू मिला करना
मुश्किलें दूर होगी सब तेरी
रोज़ लब पे अपनें ख़ुदा करना
की सदा रखना वफ़ा बनाये तू
दिल नहीं अपना बेवफ़ा करना
हम सफ़र बनके तू रहना मेरा
तू न दिल से कभी जुदा करना
प्यार की बूंदों से तू आज़म के
जख़्मों की ए सनम दवा करना।
आज़म नैय्यर

