गुम कहाँ ?
गुम कहाँ ?
वो रंग बिरंगी तितलियों की महफिलें
कहाँ वो प्यासी चिड़ियों का कारवां
ग़ुम सभी आदमियत आदाब की रौनके
आफताब की धुप में छत मण्डली कहाँ ?
वो त्योहारों की अराईश वो आदते गुम
आज़र्दाह अपनों पर आज़माईश कहाँ ?
गुम इश्क़ मैं इज़ाज़त इज़हार का फ़न
इक़्तिज़ा, इख्लास इक़रार का इद्राक कहाँ ?
वो रंग बिरंगी तितलियों की महफिलें
कहाँ वो प्यासी चिड़ियों का कारवां ?
अर्थ : - आफ़ताब= सूर्य, आराईश= सजावट, सुन्दरता | आज़र्दाह= उदास, दु:खित, आज़माईश= प्रयत्न, प्रयोग | इक़्तिज़ा= आवश्यकता, माँग, चाह | इख्लास= प्रेम, सच्चाई |
इद्राक= समझ बूझ, बोध