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Tanha Shayar Hu Yash

Tragedy Fantasy

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Tanha Shayar Hu Yash

Tragedy Fantasy

कितना जरूरी ( गीत )

कितना जरूरी ( गीत )

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कितना जरूरी ( गीत ) 


कितना जरूरी है जहान , 

जरूरी आसमां , जरूरी है मकान - २


फिर भी ना जाने कैसे रोष है , 

हर कोई दोषी दोष में , 

अपनों के संग ही द्वेष है 

ये मानवता है या कोई बदला हुआ भेष है।  


कितना जरूरी है दान 

जरूरी उपकार , जरूरी है व्यापार - २ 

   

फिर भी ना जाने कैसी सोच है 

लूटेंगे सबको हम बेहोशी में , 

मन में कैसा पाला ये दोष है

ऐसे लालच से ही रिक्त होता देश कोष है।


कितना जरूरी है जीवन 

जरूरी अपनापन , जरूरी है धन - २ 


फिर भी ना देखे कर्म मदहोश है 

तू बैठा है अपने ही अहंकार में ,

तूने सिर्फ जिया जीवन ये दोष है 

ऐसा जीवन जीना भी तेरा मानव निराधार है।  


कितना जरूरी है जहान , 

जरूरी आसमां , जरूरी है मकान - २



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