वही उम्मीदें, वही सपने फिर से वही आवेश होगा रुक जा समय थोड़ा सा वही उम्मीदें, वही सपने फिर से वही आवेश होगा रुक जा समय थोड़ा सा
किया हित कामगार का,लिखी बात सब ठोस बारह घंटे काम के , खूब जताया रोष। किया हित कामगार का,लिखी बात सब ठोस बारह घंटे काम के , खूब जताया रोष।
सुनकर दुनियावालो की बातें हमारी रूह और तडपेगी। तुम्हें छोड़कर जो हम जाएगे, तो हम ही बड़े पछताएँग... सुनकर दुनियावालो की बातें हमारी रूह और तडपेगी। तुम्हें छोड़कर जो हम जाएगे, त...
करता वह हड़ताल, बखूबी रोष जताता। करता वह हड़ताल, बखूबी रोष जताता।
लगता है ये मानवता का शोर ये शहरी रफ्तार का भी एक भावी मोल है लगता है ये मानवता का शोर ये शहरी रफ्तार का भी एक भावी मोल है