''अन्नदाता''
''अन्नदाता''
अन्नदाता यह देश का, खूब हुआ बेहाल।
अपने हक की खातिर, करता वह हड़ताल।
करता वह हड़ताल, बखूबी रोष जताता।
रद्द हो कृषि कानून, बिना कृषक संग वार्ता।
कह 'जय'देख उलझन, अब कुछ ना समझ आता।
फिर भी करें उम्मीद, जल्द हो सुलह अन्नदाता।
