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Anita Sudhir

Drama

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Anita Sudhir

Drama

गठबंधन

गठबंधन

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कहीं की ईंट,कहीं का रोड़ा

भानुमति ने कुनबा जोड़ा।


सबके हाथ पाँव फूले हैं,

दोस्ती में आँखे फेरे है।

फूटी आंख नही सुहाते

वो अब आँखों के तारें है।


कब कौन किस पर आंखे दिखाये

कब कौन कहाँ से नौ दो ग्यारह हो जाये।

विपत्तियों का पहाड़ है

गरीबी मे आटा गीला हो जाये।


बंदरबांट चल रही 

अंधे के हाथ बटेर लगी 

पुराने गिले शिकवे भूले हैं 

उल्लू सीधे कर रहे  


उधेड़बुन में पड़े

उल्टी गंगा बहा रहे

जो एक आँख भाते नहीं

वो एक एक ग्यारह हो रहे 


कौन किसको ऊँगली पर नचायेगा

कौन एक लाठी से हाँक पायेगा

ढाई दिन की बादशाहत है 

टाएँ टाएँ फिस्स मत होना।


दाई से पेट क्या छिपाना

बस पुराना इतिहास मत दोहराना।


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