वक्त सर्वगुण संपन्न एक अदृश्य शक्ति है न जाने वो क्या क्या कर जाता है। वक्त सर्वगुण संपन्न एक अदृश्य शक्ति है न जाने वो क्या क्या कर जाता है।
दाई से पेट क्या छिपाना बस पुराना इतिहास मत दोहराना। दाई से पेट क्या छिपाना बस पुराना इतिहास मत दोहराना।
हाँ ये सच है मेरी कविता मेरी खुद की परछाई है। हाँ ये सच है मेरी कविता मेरी खुद की परछाई है।
बचपन सब को लुभाता अपनी कोमल काया से युवा प्रेम के पीग बङाता अपनी मनमोहक काया से बचपन सब को लुभाता अपनी कोमल काया से युवा प्रेम के पीग बङाता अपनी मन...
आज आपकी ऊँगली पकड़ी है कल लाठी ज़रुर बनूँगी आज आपकी ऊँगली पकड़ी है कल लाठी ज़रुर बनूँगी
है झूठों का बोला-बाला सच तड़प-तड़प मर जाता है है झूठों का बोला-बाला सच तड़प-तड़प मर जाता है