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Archna Goyal

Inspirational

4  

Archna Goyal

Inspirational

वक्त

वक्त

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वक्त के पैर नहीं होते फिर भी वो चलता है

वक्त के पंख नहीं होते फिर भी वो उड़ता है

वक्त की जुंबा नहीं होती फिर भी वो कहता है

वक्त सिर्फ जाता है फिर भी कहते है लोट आएगा।


वक्त दवा नहीं फिर भी जख्म का मरहम बनता है

कभी कभी वक्त घुटने भी टेक देता है।

जो हम नहीं कर पाते वो वक्त कर जाता है

बस फर्क यही वो अदृश्य मैं दृश्य हो जाता हूँ।


जो मैं नहीं कर पाती वो वक्त कर जाता है

वक्त की लाठी में आवाज नहीं होती है

वक्त की लाठी दिखती नहीं पर चोट कर जाती है

वक्त सब ठीक कर देता है वो मिस्त्री भी है।


वक्त शिक्षक भी है बहुत कुछ सिखाता भी है

वक्त जिसका हो जाता है वो चमक जाता है।

वक्त जिसका पूरा हो जाता वो चला जाता है

वक्त एक खिलाड़ी है क्या क्या खेल दिखाता है।


वक्त सर्वगुण संपन्न एक अदृश्य शक्ति है

न जाने वो क्या क्या कर जाता है।


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