STORYMIRROR

Meenakshi Kilawat

Classics

3  

Meenakshi Kilawat

Classics

गणराज पधारो

गणराज पधारो

1 min
162

  

हे गणराज पधारो धरती पर

प्रथम पूजा का है आपको मान 

दे दो शुद्ध मनभाव जगत में

श्रद्धा भक्ति का किजीयौ सन्मान..!!


हम दुर्बुद्ध भक्तों को तुम

दिजीयौ बल बुद्धि का दान

गिरिजा नंदन शंकर दुलारे

तुम्हरे बिना कुछ ना होवे काम..!!


सबके पास हो अमन चैन

और आचरण हो सत्य सोपान

ना होवे कोई कभी पाप हमसे 

यश कीर्ति का भर दो गान..!!


हे माहानायक महागणपति

पूजा अर्चना करूँ मैं आराधना

नवज्यौती जगा दो हमरे दिल में

करूँ विपत्तीयों का हँस कर सामना..!!


हे गजवदन दयानिधि तुम

ब्रह्मांड के प्रतिपालक पालनहार  

पृथ्वी पर दे दो आप ध्यान जरा सा

ना होवे अशांति कभी यहाँ पर..!!


लम्बोदर आप सिद्ध विनायक 

विघ्नहर्ता संवार दो सबके काज 

रिद्धि सिद्धि संग में है तुम्हारे 

दुखीयौ के दुख को हर लो आज..!!


आने की ख़ुशियों में मंगलमुर्ती

घर खूब अपना सजाया हमने

मूषक वाहन पर बैठकर आना 

मोदक मिठाई का भोग खाने..!!



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics