गिरिजा नंदन शंकर दुलारे तुम्हरे बिना कुछ ना होवे काम..!! गिरिजा नंदन शंकर दुलारे तुम्हरे बिना कुछ ना होवे काम..!!
मां तुम्हारी अर्चना के फूल ,मैं कैसे चढ़ाऊँ। अति अपावन मन वचन मम, किस तरह विनती सुनाऊँ मां तुम्हारी अर्चना के फूल ,मैं कैसे चढ़ाऊँ। अति अपावन मन वचन मम, किस तरह विन...
विचार भ्रष्ट, व्यवहार नीचता भरा विचार भ्रष्ट, व्यवहार नीचता भरा
हे संसार तुम्हारी अर्चना में मन वलय करता है। हे संसार तुम्हारी अर्चना में मन वलय करता है।
विश्व भर मेें फैलती यह संक्रमण की है बीमारी! विश्व भर मेें फैलती यह संक्रमण की है बीमारी!
डॉक्टर अर्चना को न्याय दिलाओ, और धरा पर मानवता को बचाओ डॉक्टर अर्चना को न्याय दिलाओ, और धरा पर मानवता को बचाओ