ग़म साथ तो तेरे है ना
ग़म साथ तो तेरे है ना


अब याद दिला न उसकी तू
है धरती, गगन है, रैना।
कितने वर्ष से बरस रहे हैं
मेरे प्यारे नैना।
उसे वफ़ा कहूं की हरजाई
पूछे मुझसे मेरी परछाई।
कैसे कह दूं बेवफा उसे
जो इस हालत तक ले आई।
फिर कहती है पुरवाई पवन
अब बनके प्यारी मैना
छोड़ा उसने है हाथ तेरा
"ग़म" साथ तो तेरे है ना।