गम ना कर
गम ना कर
सितारे गर्दिश में है ग़म नहीं कर,
सितारे बुलंद होंगे दोबारा ग़म नहीं कर !
दौर आया है दबंग दोगले लोगों का,
नेकी का ज़माना आयेगा ग़म नहीं कर !
बेचैन नहीं होना बुलबुल देख ख़ज़ां को,
बाग़ों में जो बहार आयेगी ग़म नहीं कर!
सुरख़ियों में छाये आज ह़ाशिये पर हैं,
इंसाफ़ का तराजू तगड़ा ग़म नहीं कर !
अंधेरी रात आई है सुबह सवेरा होगा,
उल्लू पर आफत आयेगी ग़म नहीं कर !
कारवां को जारी रख राही रुकना,
मंज़िल ज़रूर मिलेगी ग़म नहीं कर !
ज़ालिम का जिगर छलनी यक़ीन कर.
ज़ुल्म सितम खत्म होगा ग़म नहीं कर.!