Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Dr.SAGHEER AHMAD SIDDIQUI डॉक्टर सगीर अहमद सिद्दीकी

Romance Tragedy

4  

Dr.SAGHEER AHMAD SIDDIQUI डॉक्टर सगीर अहमद सिद्दीकी

Romance Tragedy

ग़ज़ल

ग़ज़ल

1 min
4



दिल के हालात किसी से कभी कहता भी नहीं।

सबसे अच्छा जिसे समझा है,वह अच्छा भी नहीं।


मशवरा सब ने दिया उससे दूर जाने का।

ज़िंदगी में मेरे,कुछ उसके सिवा था भी नहीं।


ज़िंदगी भर हम ताअ़ल्लुक को निभाएंगे मगर।

यह मेरा वाअ़दा है पर उसका इरादा भी नहीं।


मैंने ग़ज़लें भी कही जिस के लिए जा़लिम ने,

सिर्फ अशआर सुना, जज़्बे को समझा भी नहीं।


वह मुझे याद किया करता है तन्हाई में।

मुझसे मिलता भी नहीं और मुझे भूला भी नहीं।


राज सरबस्ता रहे इस के लिए मैंने भी।

हाल पूछा भी नहीं,मैंने बताया भी नहीं।


जिसकी तस्वीर छुपाई है वही है दिल में।

दिल ये झूठा भी नहीं दिल पे भरोसा भी नहीं।


दिल को भाता ही नहीं उसके सिवा क्या कीजे।

उसके बदले तो किसी को कभी सोचा भी नहीं।


अपना महबूब चुना दिल ने बड़े ही दिल से।

उसके जैसा ना कोई है,कोई होगा भी नहीं।


शायरी लिख दिया था खून ए जिगर से उसने।

दर्द ग़म ज़ब्त किया, फूट के रोया भी नहीं।





Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance