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Dhanjibhai gadhiya "murali"

Romance

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Dhanjibhai gadhiya "murali"

Romance

गज़ल बन गई

गज़ल बन गई

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हम मिले तुम मिले, नज़र एक हुई, 

ईशारा में बात हुई और, गज़ल बन गई।... 

तुम्हारी कातिल नज़रो ने मुझको, पागल बना दिया ,

नज़र ने दिल को छेद किया तो, घायल बना दिया ।

रोम रोम में बिजली चली तो, धड़कन बढ गई,

प्यार की शहनाई बज़ी और, गज़ल बन गई।....

तुम्हारे रसीले होंठो ने मुझको, प्यासा बना दिया,

योवन की अंगड़ाई लिया तो, होश भूला दिया।।

निखरता योवन देखकर मेरी, तड़प बढ गई,

मदहोशी में ड़ूब गया और, गज़ल बन गई।...

तुम्हारे गुलाबी गालो ने मुझे, भँवरा बना दिया,

गुन गुन करके काटा मैंने तो, नशे में ड़ूबा दिया ।

झूमकर नाचने लगा तो, रोम रोम लहरा गई,

दिया आलिंगन प्यार से "मुरली", गज़ल बन गई।...


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