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Sarita Kucheriya

Tragedy

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Sarita Kucheriya

Tragedy

घुटन

घुटन

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कुछ तो है जो मुझे जीने नही देता

एक एहसास जो खाये जाता है 


हर दिन की शुरुवात एक सोच से

शाम ढल जाती घुटन से


सच मे हम जिसके साथ हैं

क्या वो भी हमारा साथ चााह्ता है


हम बोज है या एक सामान जो

सम्भाल कर चल रहे


अजिब कश्मकश मे जी रहे 

थक गई हू अब ना जीना मुझे 

एक शो पीस बनकर !


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