जीवन साथी
जीवन साथी
कविता लिखी है तुझ पे
जो चहिये था मुझे हमसफर
कांन मे बाली चेहरे पे हंसी
जब तू चले सब देखते रह जाये
करली बालो को सहलाए
सब की जान
जब तू जहा भी हो बढ जाये शान
चंचल छैलछबिला हो मिजाज
सब के दिल का राजा
हर एक के मन मे हो तेरा नाम
प्यारा सब का पर तेरी प्यारी सिर्फ मै
काम मे व्यस्त रहो चाहे
पर याद तो एक बार जरुर करे
हर घड़ी साथ ना रहता पर
चाह रखता ये पल हम साथ रहते
दिल से सिर्फ मेरे साथ
दिमाग से ओर कही भी रहे
एक पल का एहसास हम साथ रहते
आहट सी हो जाती हमे याद करते
ओर कितना लिखूं तुझ पर
जीना भी तेरे नाम से मरना भी तेरे नाम से।

