Sarita Kucheriya
Romance
सागर किनारे हम यूँ ही बैठे रहे
हम दोनों और हवाएँ लहराता पानी
उड़ते पंछी संध्या का शांत शीतल
प्रसन्न वातावरण मन और दिल की बात
जुबान पर लाना चाहते हैं
प्यार का इजहार तो कर लिया
हजारों बाते करनी है आओ
कभी फुरसत में बैठ जाते है।
बेटी
क्या कसूर
जीवन साथी
हम दोनों
थक गई
क्या है यह
समझौता
क्या कहे
घुटन
नहीं ना
पावस की फुहार है तू, बसन्त की बहार है तू, पावस की फुहार है तू, बसन्त की बहार है तू,
कुछ तो था..... तेरे आने में तेरी पायल की छम छम आवाजों में। कुछ तो था..... तेरे आने में तेरी पायल की छम छम आवाजों में।
दिन में तो हंसते रहे मगर रात भर रोते रहे, दिन में तो हंसते रहे मगर रात भर रोते रहे,
अब तो जीवन का अपने हर पल तेरे नाम करता हूं अब तो जीवन का अपने हर पल तेरे नाम करता हूं
मैं बेचारी आज किनारे नदिया बैठी, आओगे तुम आज यही मैं सोचती रहती। मैं बेचारी आज किनारे नदिया बैठी, आओगे तुम आज यही मैं सोचती रहती।
कहते हो कोई बात नहीं कुछ तो हमारे दरमियान है। कहते हो कोई बात नहीं कुछ तो हमारे दरमियान है।
तेरे साथ हंसना रोना चाहता हूं तेरे ख्वाब लेकर सोना चाहता हूं, तेरे साथ हंसना रोना चाहता हूं तेरे ख्वाब लेकर सोना चाहता हूं,
भरी जगह तुमने उसकी, मुझे जो जग में लाया जो भी चाहा जीवन में, मैंने वो तुझसे ही पाया भरी जगह तुमने उसकी, मुझे जो जग में लाया जो भी चाहा जीवन में, मैंने वो तुझसे ह...
मिटाते रहे हम रेत पर लिख लिख कर तेरा नाम मिटाते रहे हम रेत पर लिख लिख कर तेरा नाम
मेरे दिल के हर कोने को प्यार से तुम महकती हो, मेरे दिल के हर कोने को प्यार से तुम महकती हो,
निभाई हर जिम्मेदारी हमने साझेदारी से हर गलती से भी हम दोनों ने सबक लिया है। निभाई हर जिम्मेदारी हमने साझेदारी से हर गलती से भी हम दोनों ने सबक लिया है।
देखे रोम रोम हो जाता पुलकित , तुम तो ऐसी ही मृगनयनी चंचल हो देखे रोम रोम हो जाता पुलकित , तुम तो ऐसी ही मृगनयनी चंचल हो
तुम्हें देख कर ही खुद का इल्म होता है मुझे तुम्हें देख कर ही खुद का इल्म होता है मुझे
बंधते एक डोर से दो दिल,,,,,मिलते फिर चोरी चुपके। बंधते एक डोर से दो दिल,,,,,मिलते फिर चोरी चुपके।
प्यार जीवन की बगिया को महकाता है प्यार पतझड़ में सावन बरसाता है प्यार जीवन की बगिया को महकाता है प्यार पतझड़ में सावन बरसाता है
गमों के अंधड़ तुम्हे छू न सके यही दिल से कामना करता हूं। गमों के अंधड़ तुम्हे छू न सके यही दिल से कामना करता हूं।
मुद्दतों पहले मिले थे रीति की लगाई नींव थे. मुद्दतों पहले मिले थे रीति की लगाई नींव थे.
ये इश्क ही तो है, जिसके लिए सब जीते हैं। ये इश्क ही तो है, जिसके लिए सब जीते हैं।
यूँ रहे अमर प्रेम तेरा मेरा, जन्म जन्म तक साथ रहें। यूँ रहे अमर प्रेम तेरा मेरा, जन्म जन्म तक साथ रहें।
मन ही में रही मन की सब बातें, मन ही से बानी अब वो बावरी सी मन ही में रही मन की सब बातें, मन ही से बानी अब वो बावरी सी